नेटवर्क मार्केटिंग (Network Marketing) एक ऐसा व्यवसाय है जो सीधे ग्राहकों के साथ संचार बनाकर उन्हें उत्पाद या सेवाओं का प्रचार करता है। इसमें नेटवर्क मार्केटर उत्पाद या सेवाओं की विक्रय करते हुए अपनी टीम भी बनाते हैं। यह व्यवसाय मुख्य रूप से बेचते हुए नहीं बल्कि लोगों की टीम बनाकर उनसे काम करवाने पर आधारित होता है।

नेटवर्क मार्केटिंग को आमतौर पर MLM (Multi-Level Marketing) या अधिक स्तरों की विपणन व्यवस्था के रूप में भी जाना जाता है। इस व्यवसाय में उत्पाद निर्माता अपने उत्पादों की विपणन व्यवस्था बनाता है और उन्हें सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाता है। इस प्रक्रिया में वह अपनी टीम को बनाता है जिसमें उनके साथ काम करने वाले लोग भी होते हैं।

इस विधि में, व्यापारी एक समूह को जोड़ते हैं, जिसे उसके विकास और विस्तार के लिए बढ़ावा दिया जाता है। इस समूह में, हर सदस्य अपने उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के लिए सहयोग करता है। इस समूह में लोगों को उत्पादों या सेवाओं की जानकारी दी जाती है ताकि वे उन्हें खरीद सकें।

नेटवर्क मार्केटिंग एक सामाजिक व्यवस्था भी है, जो समूह में शामिल लोगों को संबद्ध करती है। यह उनकी सहायता करती है कि वे अपने उत्पादों और सेवाओं को सफलता के साथ बेच सकें और व्यापार में सफल हो सकें।

नेटवर्क मार्केटिंग के फायदे
नेटवर्क मार्केटिंग का उपयोग व्यापार में तेजी से उभरते हुए समय में बहुत सी लाभों के साथ किया जाता है। यह एक विपणन विधि है जो अपनी व्यवस्था और उत्पादों की विकास एवं बिक्री में मदद करती है।

कम निवेश, ज्यादा लाभ
नेटवर्क मार्केटिंग में आपको अधिकतम लाभ कम संपत्ति में मिलते हैं। आपको शुरूआत में बहुत कम निवेश करने की जरूरत होती है और इसे कम समय में बढ़ावा देने के बाद आपके लाभों में वृद्धि होती है।

अधिक गुणवत्ता वाले उत्पादों का विकास
नेटवर्क मार्केटिंग में आप अपने उत्पादों या सेवाओं की गुणवत्ता और विशेषताओं को बेहतर बनाने के लिए अन्य लोगों की सहायता ले सकते हैं। इससे आपके उत्पादों और सेवाओं का बिक्री में वृद्धि होती है।

आत्मनिर्भरता के लाभ
आत्मनिर्भरता एक व्यक्ति या एक देश के लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। इससे व्यक्ति या देश स्वयं के लिए आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन कर सकता है और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकता है। यह अनेक लाभों के साथ आता है।

आर्थिक स्थिरता
आत्मनिर्भरता आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करती है। जब एक देश अपने उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन स्वयं करता है, तो उसे अपनी आर्थिक नीति और अर्थव्यवस्था के अनुसार काम करने का अधिक अधिक अधिकार होता है।

नौकरियों का उत्पादन
आत्मनिर्भरता नौकरियों का उत्पादन करती है। जब एक देश अपनी आवश्यकताओं के लिए स्वयं उत्पादन करता है, तो उसमें अधिक नौकरियों का उत्पादन होता है। यह लोगों को रोजगार की संभावनाओं के लिए एक मौका देता है और देश के विकास में भी मदद करता है।